भारतीय सभ्यता और धार्मिक अनुभव का गंगा नदी के साथ गहरा जुड़ाव हैं। गंगा नदी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इस पवित्र नदी का स्वर्ग से धरती पर आगमन का उत्सव ही गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा में स्नान से सारे पाप धुल जाता है। इस तिथि में स्नान, दान, तर्पण से दस पापों का नाश होता है इसलिए इसे दशहरा कहते हैं। महत्व: गंगा दशहरा का उत्सव प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, जो गंगा जी का धरती पर अवतरण दिवस है। गंगा दशहरा एक प्राचीन हिंदू त्यौहार है जो गंगा नदी की पूजा और ध्यान को समर्पित है। यह उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता है, जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में। गंगा दशहरा के उत्सव का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय है। धार्मिक रूप से, इस उत्सव को गंगा नदी के अस्तित्व, शक्ति और पवित्रता की मान्यता का प्रतीक माना जाता है। सांस्कृतिक रूप से, गंगा दशहरा उत्सव गंगा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। गंगा ...
Dedicated to the Bharat Varsh