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बच्चों के पढ़ाई में तेज होने और उनके बुद्धि-विकास के लिए मंत्र

बच्चों के पढ़ाई में तेज होने और उनके बुद्धि-विकास के लिए शास्त्रों में कई मंत्र और स्तोत्रों का वर्णन किया गया है। ये मंत्र ध्यान केंद्रित करने, चिंता दूर करने, साहस बढ़ाने, स्मरण शक्ति बढ़ाने और ज्ञान प्राप्ति में सहायक हैं। यहां 7 मुख्य मंत्र और पाठ दिए गए हैं 1. सर्वज्ञता प्राप्ति के लिए गायत्री मंत्र यह मंत्र बुद्धि को तेज करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। 2. सरस्वती वंदना (विद्या प्राप्ति के लिए) सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते॥ 3. गणेश मंत्र (बुद्धि और स्मृति के लिए) ॐ गं गणपतये नमः। 4. "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" सरस्वती देवी को समर्पित यह मंत्र स्मरण शक्ति और बुद्धि के विकास में सहायक होता है। 5. हनुमान चालीसा (साहस और ध्यान के लिए): हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है। 6. बुद्धि-वृद्धि मंत्र ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ 7. महामृत्युंजय मंत्र (चिंता दूर करने के लिए) ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकम...

मौली मंत्र, तिलक मंत्र, पान का पत्ता, स्वस्तिक मंत्र, करवा, सुपारी, अक्षत, दूर्वा का महत्व..

1. मौली मंत्र का महत्व :- येन बध्दो बली राजा दानवेन्दो महाबलः । तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।। ‘मौली’ का शाब्दिक अर्थ है ‘सबसे ऊपर’। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध है और इसे शास्त्रों के मुताबिक रक्षा सूत्र और कलावा भी कहा जाता है। मौली बांधने से तिनों देवी-देवताओं की कृपा होती है। शास्त्रों के मुताबिक मौली का रंग और उसका एक एक धागा मनुष्य को शक्ति प्रदान करता है। न केवल इसे बांधने से बल्कि मौली से बनाई गई सजावट की वस्तुओं को भी घर में रखने से लाभ होता है और सकारात्मकता आती है। 2. तिलक मंत्र महत्व :- केशवानन्नत गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम । पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् । ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।। पूजा के समय तिलक लगाने का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है। तिलक लगवाते समय सिर पर हाथ इसलिए रखते हैं ताकि सकारात्मक उर्जा हमारे शीर्ष चक्र पर एकत्र हो तथा हमारे विचार सकारात्मक हों। तिलक सदैव बैठकर ही लगाना चाहिए। 3. पा...