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गोत्र क्या है

भारतीय परम्परा के अनुसार विश्वामित्र, जमदग्रि, वसिष्ठ और कश्यप की सन्तान गोत्र कही गई है- "गौतम, भरद्वाज, अत्रि,विश्वामित्रो जमदग्निर्भरद्वाजोऽथ गोतमः । अत्रिर्वसिष्ठः कश्यप इत्येते गोत्रकारकाः" इस दृष्टि से कहा जा सकता है कि किसी परिवार का जो आदि प्रवर्तक था, जिस महापुरुष से परिवार चला उसका नाम परिवार का गोत्र बन गया और उस परिवार के जो स्त्री-पुरुष थे वे आपस में भाई-बहिन माने गये, क्योंकि भाई बहिन की शादी अनुचित प्रतीत होती है, इसलिए एक गोत्र के लड़के-लड़कियों का परस्पर विवाह वर्जित माना गया। ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र आदि वर्ण कुलस्थ के लोगों के लिए गोत्र व्योरा रखना इसी लिए भी आवश्यक है। क्योंकि गोत्र ज्ञान होने से उसके अध्ययन की परम्परा में उसकी शाखा-प्रशाखा का ज्ञान होने से तत सम्बन्धी वेद का पठन―पाठन पहले करवाया जाता है पश्चात अन्य शाखाओं का! किन्तु आज हिंदुओं में गोत्र को स्मरण रखने की परंपरा का त्याग करने से गोत्र संकरता बढ़ रही है। और सगोत्र विवाह आदि होना आरम्भ हो गया है।  इसी लिए आज सुबह मैंने यह प्रश्न रखा था कि घरवापसी वालो का या अज्ञात गोत्र धारियों का गोत्र ...

भाग्य नहीं दे रहा आपका साथ तो करें ये उपाय

  जगत में अन्यथा ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो नहीं चाहता होगा कि उसका भाग्य उज्जवल हो और वह सफलताएँ प्राप्त करे अपने भाग्य को उज्ज्वल के लिए हर इंसान बहुत मेहनत करता हैं, किंतु कुछ ही की मेहनत रंग लाती हैं सोने से पहले पीतल के बर्तन में पानी भरकर उसे अपने सिरहाने रखें। सुबह इसी पानी को पेड़ में डालने से भाग्य अमंगल टलने लगते है सुबह जब घर में भोजन बने तो सबसे पहलेवाली रोटी अन्य रोटियों से थोड़ी बड़ी बनायें और इसे अलग निकाल लें। इस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें और इन चारों पर कुछ मीठा जैसे झ खीर, गुड़ या शक्कर रख दें। सबसे पहले एक टुकड़ा गाय को खिला दें, दुसरा टुकड़ा कुत्ते को खिला दें, तीसरे भाग को कौओं को खिला दें, अब रोटी का अंतिम टुकड़ा एवं कुछ अन्न घर पर आये किसी भिक्षु को दे दें। यह छोटा-सा उपाय रोज करने से आपको सुख मिलेगा और आपका भाग्य कुछ ही दिनों में उज्ज्वल होगा किसी भी तालाब, झील या नदी में मछलियों को नित्य जाकर आटे की गोलियां खिलाएं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है। घर में स्थापित देवी-देवताओं को रोज ताजे फूलों से श्रृंगारित करना चाहिए। घर म...

बिना पैसे खर्च किए घर के समस्त वास्तुदोष दूर करने के उपाय

  वैदिक ज्योतिष शास्त्र में वास्तुदोष तथा वास्तु संबंधी नियमों का विशेष महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में यदि वास्तु संबंधी कोई भी दोष होता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर जरूर पड़ता है, उस घर में सुख और शांति का हमेशा अभाव बना रहता है। घर के वास्तुदोष को दूर करने के उपाय वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक का विशेष महत्व है। घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष कम होता है तथा मंगल ग्रह के दोष भी समाप्त होते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर को साफ सुथरा और रोशनी से भरपूर होना बहुत आवश्यक है, यदि घर में पॉजिटिव एनर्जी चाहते हैं तो घर के वायव्य कोण पर दीपक जलाकर रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में वास्तु दोष है तो घर के ईशान कोण में कलश रखना सबसे उचित माना जाता है। ध्यान रखें कि कलश कहीं से भी टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है। गणेश जी को सुख देने वाला और विघ्नों का नाश करने नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाने के लिए घर में हर चीज़ को व्यवस्थित रखें।...

Top 7 Sacred Plants in Sanatan Dharma: Significance in Puja, Vastu, and Astrology

Sanatan Dharma is an ancient religion with a profound reverence for nature and its elements. Among the various aspects of nature, plants hold a special place in Sanatan Dharma, believed to possess divine energy and auspiciousness. Seven sacred plants, in particular, are deeply revered and integrated into various spiritual practices, rituals, and customs. 1. Betel Leaf (paan) The betel leaf, known as 'paan' in Hindi, is considered a symbol of purity, devotion, and auspiciousness. It is an essential component of many puja offerings, especially for Lord Ganesha, seeking his blessings for new beginnings and prosperity. In Vastu shastra, betel leaves are strategically placed to attract positive energy and wealth. Astrologically, betel leaves are associated with the planet Venus, believed to enhance love, harmony, and beauty. 2. Banana Leaf The banana leaf, symbolizing prosperity, abundance, and hospitality, is widely used in puja rituals. It serves as a plate for offerings to variou...